विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
नई सुबह
नई सुबह फिर आई है
कुछ नए संदेशे लाई है
नई सुबह फिर आई है
नव रवि की ये नवीन किरणें
नव प्रभात की मंगल किरणें
कुछ बादल के परे बुलाती
कुछ खिडकी तक आती किरणें
भरें प्राण सोए जीवन में
अब जग ने ली अंगडाई है
नई सुबह फिर आई है
जागे पंछी और गीत सुनाएँ
बौछारें बादल से आएँ
तितलियों से फिर रंग चुराकर
देखो इंन्द्रधनुष वो बनाएँ
दुनिया के इस रंगमंच पर
अदभुत तस्वीर बनाई है
नई सुबह फिर आई है
अब ना हो वो बीती बातें
शाम की दर्द भरी वो यादें
मुस्कुरा भी दो अब तुम दिल से
गुज़र गई वो काली रातें
बनाएंगे कल आज से बेहतर
दिल में उम्मीद जगाई है
नई सुबह फिर आई है
नई सुबह फिर आई है
कुछ नए संदेशे लाई है
नई सुबह फिर आई है
1 Comments:
Seems like new appartment is really brining dramatic changes, ray of light revisited... jaga hua kavi nit nayi kirnon ka parinam hai jo roz subah seedhe deemaag par padti hain...
rajurkar
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